फरुर्खाबाद। देश के पहले मुस्लिम विदेश मंत्री खुर्शीद आलम खान का जन्म 5 फरवरी, 1919 को उत्तर प्रदेश के फरुर्खाबाद जिले के पितौरा गांव में हुआ था। वह इंडियन नेशनल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता था। वह 1991 से लेकर 1999 तक कर्नाटक के राज्यपाल भी रहे। 1989 से 1991 तक वह गोवा के राज्यपाल थे। श्री खुर्शीद आलम ने फ़र्रुखाबाद के क्रिस्चियन हाई स्कूल से शिक्षा हासिल करने के बाद आगरा यूनिवर्सिटी के सेंट जॉन कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसी कॉलेज से एमए (इतिहास) में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।
राजनैतिक कैरियर
खुर्शीद आलम खान की मेहनत का ही नतीजा था कि संसद ने एक कानून बनाकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी को स्वतंत्र यूनिवर्सिटी घोषित कर दिया गया। खान इस यूनिवर्सिटी के कुलपति भी थे। वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी के सदस्य भी थे। वह 1974 से लेकर 1984 तक राज्यसभा के सांसद रहे और आठवीं लोकसभा में फरुर्खाबाद से 1984 से लेकर 1989 तक लोकसभा सांसद रहे। इस दौरान वह केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य रहे। मंत्री रहते हुए उन्होंने विदेश, पर्यटन, नागरिक विमानन, कपड़ा और वाणिजय जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने काफी देशों का दौरा किया। कई मौकों पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद को संबोधित भी किया। 18 जुलाई 1989 को गोवा का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस दौरान महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। वह 6 जनवरी 1991 से 1999 wतक कर्नाटक के राज्यपाल भी रहे। कुछ समय के लिए वह केरल के गवर्नर भी रहे। खुर्शीद आलम खान देश के तीसरे राष्ट्रपति डॉक्टर जाकिर हुसैन के दामाद थे। भारत के पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, श्री खुर्शीद आलम के पुत्र हैं।